सोलर पैनल क्या है और सोलर पैनल कैसे बनता हैं, सोलर पैनल के बारे में सम्पूर्ण जानकारी | Solar Panel Kya Hota Hai ? Solar Panel in Hindi

Solar Panel Details In Hindi

Solar Panel in Hindi:- सोलर पैनल के बारे में हम अक्सर सुनते होंगे, लेकिन हमारे मन में कई बार याह सवाल भी आता होगा की सोलर पैनल क्या है ? सोलर पैनल कैसे बनता है? सोलर पैनल कैसे काम करता है? आज हम आप को सोलर पैनल से जुड़ी सारी जानकारी देने वाले हैं. सोलर पैनल का एक बहुत ही कॉमन उपयोग हम जानते है की, सोलर पैनल से सूरज की रोशनी को घरों में उपयोग होने वाली बिजली में बदला जा सकता है. छोटे-छोटे सोलर सेल को आपस में जोड़कर सोलर प्लेट बनाई जाती है. जब इस सोलर प्लेट पर सूरज की रोशनी पड़ती है तो इससे उत्पन्न उस्मा विद्युत ऊर्जा में बदल जाती है. बिजली के उपयोग को भी हम बहुत अच्छी तरह से जानते हैं. मानव जीवन में विकास के लिए बिजली का बहुत ही बड़ा योगदान है. आज के समय बिजली के बिना जीवन असंभव सा लगता है. बिजली बनाने के बहुत सारे तरीके इस्तेमाल किए जाते हैं, जिनमें से एक सोलर पैनल भी है. आज इस पोस्ट में हम आपको सोलर पैनल से जुड़ी बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी देने वाले हैं. सोलर पैनल को अच्छी तरह से समझने के लिए आप इस पोस्ट को ध्यान से पूरा जरूर पढ़ें.

[ इस पोस्ट में आप को क्या-क्या जानकारी मिलने वाली है ]

सोलर पैनल क्या है (Solar Panel Details In Hindi)

Solar Panel Kya Hai:- सोलर पैनल सोलर सेल से बना होता है. एक सोलर पैनल के अंदर कई सारे छोटे-छोटे सोलर सेल होते हैं. ऐसे कई सारे छोटे छोटे सोलर सेल मिलकर बड़े सोलर पैनल का निर्माण करते हैं. आमतौर पर 60 या 72 सोलर सेल को जोड़कर एक सोलर पैनल बनाया जाता है. यह सोलर सेल सिलिकॉन से बना होता है. सिलिकॉन की इन छोटी-छोटी परतों को फोटोवोल्टिक सेल भी कहा जाता है. जब सूरज की किरणें इन सोलर सेल पर पड़ती हैं तो ऊष्मा के कारण यह गर्म हो जाता है. ऊष्मा पाकर सोलर सेल में मौजूद इलेक्ट्रॉन गति करने लगते हैं. इलेक्ट्रॉन की गति के कारण बिजली का प्रवाह शुरू हो जाता है. राशि छोटे-छोटे सोलर सेल मिलकर सोलर पैनल बनाते हैं और सोलर पैनल के माध्यम से बिजली बनती है.

Solar Panel

आज के समय में सोलर पैनल से बिजली बनाना बहुत ही आसान हो गया है. सोलर पैनल से बिजली बनाने के लिए हमें किसी अतिरिक्त ईंधन या ऊर्जा की आवश्यकता नहीं होती. केवल सूरज की किरणों के माध्यम से ही सोलर पैनल बिजली पैदा कर सकता है. सोलर पैनल से बनने वाली बिजली से हम अपने घरों की लाइट से लेकर बड़े-बड़े कारखाने, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन आदि की बिजली की जरूरत को भी पूरा कर सकते हैं. सोलर पैनल से बिजली बनाने में किसी तरह का प्रदूषण भी नहीं होता है और यह पर्यावरण के लिए अनुकूल भी मानी जाती है.

सोलर सेल क्या होता है (Solar Cell In Hindi)

सोलर सेल एक ऐसी डिवाइस होती है जो सूरज की किरणों से मिलने वाली ऊष्मा को विधुत ऊर्जा में बदल देती है. सोलर सेल को बनाने के लिए सिलिकॉन का उपयोग किया जाता है. सिलिकॉन एक अर्धचालक पदार्थ होता है. सोलर सेल में सिलिकॉन की दो परत होती है. इन परतों को P और N टाइप कहते हैं. P और N का मतलब Positive और Negative होता है. इसके ऊपर जब सूरज की रौशनी पड़ती है तो इलेक्ट्रान का प्रवाह शुरू हो जाता है. इलेक्ट्रॉन के इसी प्रवाह के कारण बिजली पैदा होती है.

सोलर सेल की संरचना कैसी होती है (Construction of Solar Sell In Hindi) 

Solar Cell Structure

सोलर पैनल किसका बना होता है:- सोलर सेल एक प्रकार का P-N Conjunction डायोड होता होता है. सोलर सेल में दो परते होती है. इन परतों को P और N टाइप परत कहते हैं. P और N का मतलब Positive और Negative होता है. उपरी परत को P टाइप होती है जिसमे इलेक्ट्रान की अधिकता होती है. निचली परत को N टाइप परत कहते हैं जिसमे , निचली परत में इलेक्ट्रान की मात्रा कम होती है. उपरी परत P टाइप को थोड़ा पतला बनाया जाता है. जब सोलर सेल की उपरी परत पर सूरज की किरने टकराती हैं. तब इलेक्ट्रॉन अपने ऑर्बिट से निकल कर सेल द्वारा उत्पन्न किये गये इलेक्ट्रिक फ़ील्ड में चले जाते हैं. इस पूरी प्रक्रिया को फोटोवोल्टिक प्रभाव कहते हैं. इस तरह से सोलर सेल से बिजली पैदा हो जाती है.

सोलर पैनल/सेल कैसे बनता है ( How To Make Solar Cell/Panel)

सोलर पैनल कैसे बनता है (Solar Panel Kaise Banta Hai):- सोलर सेल को बनाने के लिए सिलिकॉन का उपयोग किया जाता है. सिलिकॉन समुद्री तट की रेत का मुख्य घटक होता है. रेत को उच्च गुणवत्ता वाले सिलिकॉन में बदलने के लिए उसे बहुत अधिक तापमान पर गरम किया जाता है. धरती पर दूसरा सबसे अधिक पाया जाने वाला तत्व सिलिकॉन है. सिलिकॉन आमतौर पर चट्टानों के रूप में भी मिलता है. पिघले हुए सिलिकॉन के पिंड को बहुत पतले पतले टुकड़ों में कटा जाता है, जिसे वेफर्स कहते हैं. शुद्ध सिलिकॉन काफी चमकदार होता है जो सूरज की रौशनी की अधिक मात्रा में परिवर्तित कर देता है. इसके बाद सिलिकॉन वेफर्स पर एक Anti Reflective Coating चढ़ाई जाती है. इस तरह से सिलिकॉन से सोलर सेल बनाया जाता है.

अब सोलर सेल की सतह पर मेटल के कंडक्टर जोड़े जाते हैं जो एक इलेक्ट्रिक ग्रिड का काम करता है. सोलर पैनल में एक साथ 48/60/72 के जोड़ों में जोड़ा जाता है. सोलर सेल के ऊपर लगभग 6-7 mm की कांच की परत चढ़ाई जाती है. निचे की तरफ पोलिमर की मज़बूत परत लगायी जाती है जो सोलर सेल को धुल मिटटी पानी आदि से बचाती है. अब इन सोलर सेल के ग्रुप को एक फ्रेम में कसा जाता है जो इन्हें बहरी झटकों से बचाता है. इस तरह से कई सारे सोलर सेल को जोड़ कर सोलर पैनल बनाया जाता है.

सोलर पैनल सिस्टम क्या होता है (Solar Panel System In Hindi)

अब तक आप सोलर सेल, सोलर पैनल क्या होता है, यह कैसे काम करता है, इसे कैसे बनाया जाता है बहुत अच्छी तरह से समझ चुके होंगे. अब हम जानेंगे कि सोलर पैनल सिस्टम क्या होता है. सोलर पैनल सिस्टम सूरज की रोशनी से बिजली बनाने के उपकरणों का एक समूह य स्ट्रक्चर होता है. जिसमें मुख्य रुप एक या एक से अधिक सोलर पैनल होते हैं. इन सोलर पैनल को एक स्ट्रक्चर पर कसा जाता है. जहां से कुछ तार इनवर्टर और बैटरी में चली जाती. इस तरह से सारे उपकरणों को जोड़कर सोलर पैनल सिस्टम बना होता है. बिजली उत्पादन की क्षमता के आधार पर अलग-अलग क्षमता के सोलर पैनल सिस्टम मार्केट में उपलब्ध होते हैं. जैसे 1 किलो वाट, 2 किलो वाट, 3 किलो वाट, 5 किलोवाट आदि के सोलर पैनल सिस्टम.

Solar Panel System

सोलर पैनल (सोलर सेल) किस सिद्धांत पर कार्य करता है?

सोलर पैनल काम कैसे करता है :- सोलर पैनल फोटोवोल्टिक सिद्धांत पर काम करता है. फोटोवोल्टिक सिद्धांत एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें सूर्य की किरणों (फोटॉन) से उत्पन्न ऊष्मा को बिजली में बदल देता है. सूर्य का प्रकाश फोटॉन से बना होता है जो इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन के छोटे बंडल होते हैं. इन फोटॉन को एक फोटोवोल्टिक सेल के द्वारा अवशोषित किया जाता है. जब फोटॉन सोलर सेल से टकराते हैं तो ऊर्जा निकलकर सोलर सेल के एटम में चली जाती है. जिसकी वजह से नेगेटिव चार्ज के इलेक्ट्रॉनिक दिशा में और पॉजिटिव चार्ज के इलेक्ट्रॉन विपरीत दिशा में गति करने लगते हैं. इलेक्ट्रॉनों की गति से बिजली पैदा होती है. इलेक्ट्रॉनों के प्रभाव को धारा यानी कि बिजली कहा जाता है. इस तरह से सोलर पैनल फोटोवोल्टिक प्रभाव के कारण सूरज की रोशनी से पैदा करते हैं.

सोलर पैनल के उपयोग (Uses of Solar Panel in Hindi)

वैसे तो अब तक हम सोलर पैनल के मुख्य उपयोग समझ ही चुके होंगे. जैसा कि हम जानते हैं सोलर पैनल का मुख्य उपयोग सूरज की रोशनी से बिजली बनाना होता है. लेकिन सोलर पैनल का कई जगह पर इस्तेमाल किया जाता है जिसे हम एक-एक कर जानेंगे.

  • घरों में इस्तेमाल होने वाली बिस्किट बनाने के लिए सोलर पैनल का इस्तेमाल किया जाता है.
  • सड़कों और पार्कों में लगी लाइट को चलाने के लिए भी सोलर पैनल का उपयोग किया जाता है. जो दिन के समय सूरज की रोशनी से चार्ज हो जाती हैं और रात के समय में चालू होकर रोशनी देती है.
  • कुछ इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स आजकल सोलर से चार्ज होने वाले बनाए जाते हैं.
  • आज के समय में ऐसे इलेक्ट्रिक बहन जी आ गए हैं सोलर पैनल द्वारा बनाई गई बिजली से चलते हैं.
  • ट्रैफिक सिग्नल को कंट्रोल करने के लिए उपयोग होने वाली बिजली भी सोलर पैनल से ही मिलती है.
  • अंतरिक्ष में भेजे जाने वाले उपग्रह और एयरक्राफ्ट में भी सोलर पैनल द्वारा बनायीं गई बिजली का उपयोग होता है.
  • अंतरिक्ष परिक्षण प्रयोगशाला में भी सोलर पैनल द्वारा बनायीं गई बिजली का उपयोग होता है.

सोलर पैनल के फायदे क्या हैं (Benefits/Advantage of Solar Panel)

  • यह अकेला ऐसा उपकरण ही सो सोलर एनर्जी को इलेक्ट्रिक एनर्जी में बदलने में सक्षम है.
  • सोलर पैनल के द्वारा बनायीं गयी बिजली से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होता है.
  • सोलर पैनल द्वारा बिजली बनाने के लिए किसी भी प्रकार का कोई ईधन जनले के आवश्यकता नहीं पड़ती. जिससे आस पास का वातावरण शुद्ध रहता है.
  • सोलर पैनल लगाने में सिर्फ एक बार ही पैसा खर्च होता है, लेकिन इससे मिलने वाली बिजली एकदम मुफ्त होती है.
  • ग्रामीण इलाकों में सोलर पैनल लगाने से बिजली कटौती के साथ साथ बिजली बिल से भी मुक्ति मिल जाती है.
  • सोलर पैनल के मेंटेनेंस की लगत भी भुत कम होती है.
  • सोलर पैनल से बिजली बनाना अन्य माध्यम से काफी सस्ता होता है.
  • सोलर पैनल की आयु 25 तक होती है.
  • इसे आप अपने घर, ऑफिस, फैक्ट्री आदि की छत पर आसानी से लगा सकते हैं.

सोलर पैनल के नुकसान क्या हैं (Disadvantage of solar of Solar Panel)

  • सोलर पैनल की दक्षता बहुत कम लगभग 25% होती है.
  • सोलर पैनल से बनाने वाली बिजली DC होती है और हमारे घरों में यूज़ होने वाले उपकरण AC करेंट से चलते हैं. इस लिए DC करेंट को AC करेंट में बदलने के लिए इनवर्टर का उपयोग करना पड़ता है.
  • रात के समय में सोलर पैनल बिजली नहीं बनता, दिन के समय बनी बिजली को स्टोर करने के लिए अधिक क्षमता की बैटरी का इस्तेमाल करना पड़ता है.
  • बारिश के समय बदल होने पर दिन में भी सोलर पैनल बिजली नहीं बना पता है.
  • सोलर पैनल पर धुल जमने के कारण यह सही से काम नहीं करता है इसलिए इसे समय समय पर साफ़ करना पड़ता है.
  • सोलर पैनल लगाने के लिए बहुत अधिक खुली जगह की आवश्यता पड़ती है.

आज आप को इस पोस्ट में सोलर पैनल से जुडी भुत सारी बातों की जानकारी मिली होगी. सोलर पैनल से सम्बंधित आप के और भी सवाल हो सकते हैं. सोलर से सम्बंधित जानकारी के लिए आप हमारी इस वेबसाइट की अन्य पोस्ट को ज़रूर पढ़ें. आप अपने सवालों को कमेन्ट में हमसे पूँछ सकते हैं. हम आप के सवालों के जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे. यह पोस्ट आप को कैसी लगी यह भी हमे कमेन्ट कर ज़रूर बताए. यदि आप को यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो इसे अपने Facebook, WhatsApp आदि पर आपने दोस्तों, रिश्तेदारों को ज़रूर शेयर करें.

सोलर पैनल क्या है इन हिंदी ?

सोलर पैनल सोलर सेल से बना होता है. एक सोलर पैनल के अंदर कई सारे छोटे-छोटे सोलर सेल होते हैं. ऐसे कई सारे छोटे छोटे सोलर सेल मिलकर बड़े सोलर पैनल का निर्माण करते हैं. जब सूरज की किरणें इन सोलर सेल पर पड़ती हैं तो ऊष्मा के कारण यह गर्म हो जाता है, और इसके इलेक्ट्रॉन गति करने लगते हैं. इलेक्ट्रॉन की इसी गति के कारण बिजली पैदा होती है.

सोलर पैनल किसका बना होता है?

सोलर पैनल सिलिकॉन का बना होता है। धरती पर सिलिकॉन सबसे ज्यादा बालू मे पाया जाता है।

सोलर पैनल से बिजली कैसे बनती है?

सोलर पैनल सिलिकॉन का बना होता है, जब इस पर सूरज की किरने पड़ती है तो यह गर्म हो जाता है। जिससे इलेक्ट्रॉन गति करने लगते हैं. इलेक्ट्रॉन की इसी गति के कारण बिजली पैदा होती है.

सोलर सेल का दूसरा नाम क्या है?

सोलर सेल को फोटोवोल्टिक सेल (PV Cell) भी कहा जाता है। सोलर सेल फोटोवोल्टिक क्रिया के कारण बिजली बनाता है इस लिए इसे फोटोवोल्टिक सेल (PV Cell) भी कहा जाता है।

सोलर पैनल को हिंदी में क्या कहते हैं?

सोलर पैनल को हिन्दी मे सौर्य पट्टी कहा जाता है।

सोलर पैनल की लाइफ कितनी होती है?

एक अच्छे सोलर पैनल की औसत आयु लगभग 25 साल होती है। यह इसके रख रखाव पर भी निर्भर करता है।

सोलर सेल किसका बना होता है

सोलर सेल सिलिकॉन का बना होता है इसमें दो अर्धचालक होते हैं जिन्हें पी-प्रकार और पी-प्रकार सिलिकॉन कहा जाता है. पी-प्रकार के सिलिकॉन का निर्माण बोरॉन या गैलियम जैसे परमाणुओं को जोड़कर बनाया जाता है, जिसकी बाहरी कक्षा में सिलिकॉन की तुलना में एक इलेक्ट्रॉन कम होता है।

आशा करता हूँ सोलर पैनल से संबन्धित यह पोस्ट “सोलर पैनल क्या है और यह कैसे बनता हैं, सोलर पैनल के बारे में सम्पूर्ण जानकारी” अच्छी और जानकारी युक्त लगी होती। सोलर पैनल की जानकारी के लिए हमारी अन्य पोस्ट को भी ज़रूर पढ़ें। सोलर फनल से संबन्धित यदि आप कोई और भी सवाल है तो आप हमसे कॉमेंट कर पूँछ सकते हैं। हम आप के सवालो के जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे। इस वैबसाइट( ब्लॉग) के बारे मे आप के कोई सुझाव हों तो वह भी कॉमेंट कर ज़रूर बताएं। आप के प्रश्न एवं सुझाव का हमे इंतज़ार रेहगा।

सोलर पैनल से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी:-

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6 Comments

  1. Salman

    Aapne Bahut badhiya likha hai. Aapki Yah jaankari mujhe achhi lagi.

  2. admin

    Tata Power Solar Toll Free No-1800-25-77777, aap bh is no par call kar adhik jankari prapt kar sakte hain,

  3. Vinay sen

    Tata Power company ka mobile nomber chaheye

    • admin

      Tata Power Solar Toll Free No-1800-25-77777, aap is no par call kar adhik jankari prapt kar sakte hain,

    • Asif Ansari

      Solar panel se sambandhit aap ke dwara di gyai janakari bahut hai achhi hai

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